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थायराइड का घरेलु इलाज | Thyroid ka Gharelu Ilaj in Hindi

थायराइड का घरेलु इलाज | Thyroid ka Gharelu Ilaj in Hindi

थायराइड(Thyroid), मधुमेह(Diabetes), हृदयघात(Heart Attack), उच्चरक्तचाप(High Blood Pressure) इन बीमारियों से ग्रसित होते ही आप एलोपैथी के बहुत ही करीबी रिश्तेदार बन जाते है। कारण मन का बहम व डर ( ज्ञान के आभव के कारण ) ऐसी कोई बीमारी नहीं बनी जिसका इलाज नही है। इलाज से रोगों को रोका जा सकता है। परहेज(यम नियम) से कोसो दूर भगाया जा सकता है।

थायराइड के बीमारी के दौरान करें इन चीजों का सेवन, जल्दी ठीक होगें आप

थायराइड हमारे देश की एक बड़ी समस्या बन गया है हमारे बदलते खानपान के कारण यह तेजी से बढ़ रहा है अनियमित खान-पान से हमारे शरीर के बदलते हारमोंस के कारण यह एक बड़ी समस्या बन चुका है यह पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों में ज्यादा देखा जाता है यह दो प्रकार का होता है। हाइपो थायराइड और हाइपर थायराइड।

हमें अगल किसी भी तरह की समस्या होती है तो हमे सबसे पहले खानपान के बारे में ध्यान देने के बारे में बोला जाता है। आज हम बात करेगे थायराइड की खतरनाक समस्या की। इसमें आपको काफी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। आपको बता दें कि हमारे गले में सामने की तरफ मौजूद तितली के आकार की ग्रंथि थायराइड जब बढ़ जाती है तो इसे थायराइड, घेघा, गलाघोंटू या गोयटर रोग कहा जाता है।

ऐसा तब होता है, जब यह ग्रंथि आयोडीन और अन्य जरूरी पोषक तत्वों के अभाव में शरीर की आवश्यकता के अनुसार थायराइड हार्मोन पैदा नहीं कर पाती है। इसका अर्थ यह हुआ कि गोयटर की स्थिति में हमें थायराइड ग्लैंड को सक्रिय करने वाले भोजन करने चाहिए। आज आपको बताएगें कि इसके लिए आपको क्या खाना चाहिए। आइए जानते है कि अगर आपको थायराइड की ये समस्या हो जाए, तो आपको क्या खाना चाहिए।

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इन आहारों का सेवन से थाइराइड में फायदेमंद है

धनिया का उपयोग | Use of coriander:

👌🏻👉🏻 1चम्मच साबुत धनिया रात को एक गिलास पानी मे भिगो दें सुबह इसकी चटनी बनाकर गुनगुना कर पिये या हरे धनिये की एक चम्मच चटनी को एक गिलाश पानी मे गुनगुना कर पिये 👌

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Rajiv Dixit Tips for Thyroid

स्वास्थ्य औऱ स्वयं की और चलना ही आपके हित मे है। यही अयूर्वादिक का लक्ष्य है। हम आप के साथ है।

यह दवा हाइपर थायराइड और हाइपो थायराइड दोनों प्रकार के थायराइड को ठीक करती है।

फाइबर वाले आहार लें | Eat Fiber Foods:

आपको अगर थायराइड की ये समस्या हो जाए तो आपको घबराना नही है। किसी भी बीमारी का आधा इलाज खाने का ध्यान रखना होता है। आपको अगर थायराइड की समस्या हो जाए तो आपको उच्च फाइबर वाले आहार खाने चाहिए।

मौसमी हरी पत्तेदार सब्जियां | Seasonal Green Leafy Vegetables:

आपको अगर थायराइड की समस्या हो जाए तो आपको इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। इससे आपको थायराइड में आराम मिल सकती है। आपको ऐसे में इन्ही सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

मौसमी फलों का सेवन | Eating Seasonal Fruit:

आपको अगर थायराइड की समस्या हो जाए तो इसके लिए आपको मौसमी फलों का भी ध्यान रखना चाहिए। थायराइड में मौसमी फलों का सेवन करना काफी अच्छा होता है। इससे आपको काई तरह के फायदे होते है।

काले अखरोट का सेवन | Intake of Black Walnuts:

थायराइड एक खतरनाक समस्या होती है। इसके लिए आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर आप काले अखरोट का सेवन करते है तो आपको इसमें कई तरह के फायदे होते है।

अदरक चबाएं | Ginger:

आपको बता दें कि आपको अगर थायराइड की समस्या है तो आपको इसके अदरक(Ginger) चबानी चाहिए। अदरक खाने से आपको थायराइड की समस्या खत्म हो जाती है। इसलिए आपको अदरक चबाना चाहिए। ये थायराइड के लिए फायदेमंद है।

दही, मूली, और दलिया जैसे खाद्य | Food like Curd, Radish, and Oatmeal:

दही, मूली, और दलिया जैसे खाद्य पदार्थों में आयोडीन(Iodine) अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए थायराइड की समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से इन आहार को लें। इससे आपको थायराइड में आराम मिलेगी।

देसी गाय का गौमूत्र | Indian Desi Cow Urine:

अगर आपको थायराइड की समस्या होती है तो आपको इसके लिए गौमूत्र का भी सेवन करना चाहिए। ये इसमें काफी फायदा पहुंचाता है। इसके सेवन से भी आपको थायराइड में काफी आराम मिलता है ।

नारियल का तेल | Pure Coconut Oil:

आपको बता दें कि नारियल का तेल थायराइड में काफी फायदेमंद होता है। इसलिए आपको इसका सेवन भी करना चाहिए। नारियल के तेल को पीने से आपको कई तरह के लाभ होते है। ध्यान रहे तेल शुद्ध हो किसी भी कंपनी का भरोसा न करें

थायरॉइड के लक्षण:

तेजी से बढ़ता वजन | Booming weight

वैसे तो बढ़ता मोटापा आज हर किसी समस्या बना हुआ है, लेकिन अगर आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है, तो इसे नजरअंदाज करने की गलती न करें। क्योंकि थायराइड के कारण मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है। हम जो भी खाते हैं वो पूरी तरह एनर्जी में नहीं बदल पाता और वसा के रूप में शरीर पर जमा होने लगता है।

थकावट रहना | Tired:

अगर बिना कोई काम किए शरीर थकावट या कमजोरी महसूस करने लगे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें क्योंकि मेटाबॉलिज्म पर थायरॉक्सिन के प्रभाव से खाया गया खाना एनर्जी में नहीं बदल पाता तो शरीर थकावट और कमजोरी महसूस करने लगता है। इसके अलावा थकान का कारण एनीमिया भी हो सकता है।

अनियमित पीरियड्स | Irregular Periods:

वैसे तो बदलते लाइफस्टाइल में अनियमित पीरियड्स की समस्या बहुत सी महिलाओं में देखने को मिलती है। पीरियड्स में होने वाली गड़बड़ी को कभी भी अनदेखा न करें, क्योंकि थायराइड की समस्या होने पर पीरिड्स का इंटरवल बढ़ जाता है और 28 दिन की बजाएं पीरिड्स ज्यादा बढ़ जाते है।

डिप्रैशन में रहना | Depression:

अगर थायराइड ग्रंथि कम मात्रा में थायरॉक्सिन उत्पन्न करती है, तो इससे डिप्रैशन(Depression) वाले हार्मोन एक्टिव हो जाते हैं। डिप्रैशन से रात अनिंद्रा की प्रॉबल्म होती है। अगर आपको भी डिप्रैशन रहता है तो तुरंत किसी डॉक्टर से जांच करवाएं।

सीने में दर्द होना | Headache:

अगर आपको थायराइड है तो इससे दिल की धड़कन भी प्रभावित हो सकती है। दिल की धड़कन में होने वाली इसी अनियमितता के कारण सीने में तेज दर्द हो सकता है।

खाने का मन न होना | Lack of Food:

थायराइड होने पर भूख तेज लगने के बाद भी खाना नहीं खाया जाता, वहीं कई बार जरूरत से ज्यादा खाने पर वजन तेजी से कम होने लगते है।

सर्दी या गर्मी बर्दाश्त न होना | Uneasy for Cold or hot:

थायराइड होने पर मौसम का प्रभाव हमारे शरीर पर अधिक दिखाई देने लगता है। हाईपोथॉयरायडिज्म होने पर शरीर को न तो ज्यादा ठंड बर्दाश्त होती है और न ही ज्यादा गर्मी का मौसम। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो तुरंत जांच करवाएं।

याददाश्त कम होना | Memory Loss:

थायराइड के कारण स्मरण शक्ति और सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है। याददाश्त कमजोर हो सकती है और व्यक्ति का स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो सकता है।

पेट में गड़बड़ी | Stomach Upset:

थायराइड होने पर कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है। जिस वजह से खाना पचाने में दिक्कत होती है साथ ही खाना आसानी से गले से नीचे नहीं उतर पाता।

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द | Muscle and Joint Pain:

मांसपेशियों और जोड़ों में होने वाले दर्द को भी कोई आम समस्या न समझें और तुंरत डॉक्टरी जांच करवाएं क्योंकि यह थायराइड की समस्या भी हो सकती है।

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द रहत देने में उत्तम पंचगव्य औषधि – Amritdhara

वसा और कार्बोहाइड्रेट से बचें | Avoid Fats and Carbohydrates:

आपको इस समय ध्यान रखना है कि आपको वसा(Fats) और कार्बोहाइड्रेट से बचना है। ये आपको परेशान कर सकता है। आपको थायराइड में इन चीजों से बिल्कुल दूर रहना चाहिए। क्योंकि ये आपके थायराइड की समस्या को बढ़ाता है।

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★ हाइपर थायराइड के लक्षण :

  • वजन कम होना,
  • हार्ट बीट तेज होना,
  • पसीना जादा आना,
  • हाथ और पैरों में कप-कपी होना आदि हैं ।

★ हाइपो थायराइड के लक्षण :

  • वजन बढ़ना,
  • क़ब्ज़ रहना,
  • भूख कम लगना,
  • स्किन रूखी होना,
  • ठंड जादा लगना,
  • आवाज़ में भारीपन आना,
  • आँखो और चेहरे पर सूजन,
  • सिर, गर्दन और जोड़ों में दर्द होना

थाइरायड की आयुर्वेदिक दवा बनाने व सेवन की विधि

  • कचनार चूर्ण 300 ग्राम
  • अश्वगंधा. 250 ग्राम
  • शतावरी 250 ग्राम
  • गिलोय चूर्ण. 100 ग्राम
  • सौंठ 100 ग्राम
  • मलॅठी चूर्ण. 100 ग्राम
  • अजवायन. 100 ग्राम
  • काली मिर्च 50 ग्राम (काली मिर्च को घी में भून लें )
  • नसादर. 25 ग्राम

सभी को मिलाकर चूर्ण बना लें

सेवन विधि – 2 ग्राम से 5 ग्राम दिन में 3 बार
दूध के साथ लें।

साथ यह भी ले
  • दिन मे 2 बार दही 200 -200 ग्राम जरूर सेवन करे।
  • सुबह और रात को सोते समय 5 बादाम 1 अखरोट सेवन करे।
  • साबुत दालें ज्यादा इस्तेमाल करे।
  • गौमूत्र 50 मिलीलीटर रोजाना सेवन करे।

परहेज – तली हुई चीजे बिल्कुल इस्तेमाल न करे।

मास, अंडे का प्रयोग न करे यह थाइरायड में जहर समान है।

अपने आँसू व हँसी को न रोके, सेकेंड से भी कई गुना कम समय मे हसने व रोने के एन्जाइम बनते हैं। जिसे रोकने के कारण ये एकत्रित हो जाते हैं और हम आप इस रोग के शिकार हो जाते हैं।
प्याज के दो गोल टुकड़े को गर्दन के दोनों तरफ रगड़ने से थाइराइड का जड़ से सफाया हो सकता है।

थायराइड और इनसे जुडी हार्मोन के बारे में और जानिए:

थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है। जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है।

थायराइड तितली के आकार की होती है, और थायराइड दो तरह का होता है।

  • हाइपरथायराइडिज्म
  • हाइपोथायराइड।

पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है। थायराइड में, वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। इस रोग में काफी दिक्कत होती है।

थायराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है, तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है, लेकिन ज्यादातर चिकित्सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है।

आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में ये समस्या आम सी हो गयी हैं, और अलोपथी में इसका कोई इलाज भी नहीं हैं, बस जीवन भर दवाई लेते रहो, और आराम कोई नहीं।

गर्दन पर मसाज करने के बाद मे यह भी जरूर करे

गर्दन पर मसाज करने के बाद, गर्दन को धोएं नहीं, रात भर ऐसे ही छोड़ दें और प्याज का रस अपना काम करता रहेगा। ये उपचार बहुत ही आसान है और आप इसे एक बार जरुर आजमा कर देखें आप को अच्छे नतीजे प्राप्त होंगे। साथ मे यह भी जरूर करे

  1. हल्दी दूध: थायराइड कण्ट्रोल करने के लिए आप रोजाना दूध में हल्दी को पका कर पिए। अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाये तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करे।
  2. लौकी का जूस: रोजाना सुबह खली पेट लौकी का जूस धनिया युक्त पिने से भी थाइरोइड खत्म करने में मदद मिलती है। जूस पिने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिए नहीं।
  3. तुलसी और एलोवेरा: दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा रस मिला कर सेवन करना भी इस बीमारी से छुटकारा पाने का उत्तम उपाय है।
  4. लाल प्याज: प्याज को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले और रात को सोने से पहले थायराइड ग्रंथि के आस पास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज का रस को धोये नहीं।
  5. बादाम और अखरोट: बादाम और अखरोट में सेलीनीयम तत्व मौजूद होता है जो थायराइड के इलाज में फायदा करता है। इस के सेवन से गले की सूजन से भी आराम मिलता है। हाइपोथायराइड में ये उपाय जादा फायदा करता है।
  6. अश्वगंधा शतावरी: रात को सोते वक़्त एक चम्मच अश्वगंधा शतावरी सम भाग युक्त मिश्रित चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ सेवन करे। कम वजन व कमजोरी महसूस करने वालो के लिए
  7. एक्सरसाइज: रोजाना आधा घंटा एक्सरसाइज करे, इससे थाइरोइड बढ़ता नही है और कंट्रोल में रहता है।

T3, T4 हार्मोन:

हमारे ब्रेन के नीचे एक Pituitary gland होती है, इसी gland से एक TSH (थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन) निकलता है जो कि थायरॉयड gland में जाकर उसे निर्देश देता है की कितनी मात्रा में और कोन सा हार्मोन (T3, T4) को निकालना है।

T3, T4 हार्मोन का काम –

  • हमारे शरीर को ग्रोथ करना,
  • हमारे शरीर को बनाए रखना,
  • मोटापा कितनी होनी चाहिए ये बताना,
  • खाना पचाना, metabolism को अच्छा रखना इत्यादि।

Hypothyroidism होता क्या है ?

Hypothyroidism में हमारे थायरॉयड gland से T3, T4 हार्मोन सही अनुपात में नहीं निकलते। T3, T4 हार्मोन का सही से नहीं निकलने के कारण जो हमारे ब्रेन से TSH हार्मोन निकलता है वो ज्यादा मात्रा में निकलने लगता है क्यों कि उसे T3, T4 हार्मोन को balance करना होता है। अब अगर TSH हार्मोन का लेवल 5.5 से ज्यादा होता है तो शुरुआती Hypothyroidism हो जाया करता है। दो तरह का Hypothyroidism होता है।
(1) Primary Hypothyroidism
(2) Secondary hypothyroidism

Primary Hypothyroidism में TSH हार्मोन ज्यादा निकलता है क्योकि उसे T3, T4 हार्मोन को balance करना होता है परन्तु बाद में Secondary hypothyroidism लेवेल तक TSH हार्मोन निकलना बहुत कम हो जाता है। अगर Primary Hypothyroidism के समय आपने मेडिसिन नहीं लिया या अपने खाने-पीने और रहन-सहन में बदलाव नहीं किया तो वो Secondary hypothyroidism तक पहुंच जाता है।

Hypothyroidism का मुख्य कारण है आयोडीन की कमी। अगर हमारे शरीर में आयोडीन की कमी है या हमारे खाने-पीने में आयोडीन का स्रोत कम है तो Hypothyroidism हो जाया करता है। ठण्डे-प्रदेश में रहने के कारण भी Hypothyroidism होने के chances रहते हैं।

  • हाइपोथायरायडिज्म(Hypothyroidism) में हमें ठण्ड ज्यादा लगती है,
  • हाइपोथायरायडिज्म के शुरुआत में सर्दी-खांसी ज्यादा हुआ करती है।
  • हमें कमजोरी और सुस्ती ज्यादा महसूस होती है।
  • कब्ज की शिकायत रहेगी, बार-बार जाना पड़ेगा फिर भी अच्छे से शौच नहीं हुआ करेगा।
  • अचानक से वजन बढ़ने लगेगा और आप मोटापा के शिकार हो जायेंगे।
  • शरीर थुलथुला हो जायेगा। पैर और हाथ में सूजन होने लगेगा।
Note :- पुरुष की अपेक्षा ये महिलाओं को अधिक हुआ करती है। अब मैं बात करता हूं

Hypothyroidism का होम्योपैथिक दवा के बारे में

Thyroidinum 30 – ये थायरॉइड के लिए बहुत ही अच्छी मेडिसिन है, इसे दिन में 3 से 4 बार दो-दो बून्द लें। थायरॉइड जैसे ही नार्मल हो जाये तो उसकी दो बून्द दिन में सिर्फ एक बार लें।

Iodum 30 – इस दवा में Hypothyroidism के सारे लक्षण मिलते हैं, इसकी दो बून्द सुबह-शाम लेने से शरीर में आयोडीन की कमी दूर हो जाती है।

Rakwage R51 – R51 की 10 बून्द एक चम्मच पानी में डालकर खाना खाने से एक घंटे पहले दिन में दो बार लें। ये Hypothyroidism की बहुत ही अच्छी मेडिसिन है। R51 के components है। Rakwage R51 की कीमत 200 रूपए है और आप इसे किसी भी होम्योपैथिक स्टोर से खरीद सकते हैंया नहीं मिलने पर मेरे यहां से मंगा सकते हैं।

Belladonna 30 जो की थायरॉइड की बहुत अच्छी मेडिसिन है।

Natrum carb 30 और lapis albus 30 – ये सभी R51 में मिले हुए हैं।

अगर आपको Hypothyroidism है और आपकी thyroxine चल रही है तो चलने दें और साथ में बताये गए होम्योपैथिक दवा भी लेने से आपको बहुत ही अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। हल्का व्यायाम जरूर करें।

धन्यवाद
भाई राजीव दीक्षित जी के अनुभव व स्वास्थ्यज्ञान के ज्ञानसागर से

हाइपरथाइराडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म दोनों प्रकार के थाइरोइड का उपचार धनिया से पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है।

थाइरोइड के लिए धनिया की चटनी बनाकर दिन में 2 बार इस्तेमाल करें और जिन लोगो का थाइरोइड के कारण वजन या मोटापा बहुत बडा हुआ है उन लोगो को मोटापा भी इसी से कम होगा।

थाइरोइड के सभी मरीजो के लिए आयोडीन युक्त नमक जहर के सामान होता है। थाइरोइड के सभी मरीजो को सबसे पहले आयोडीन नमक छोडकर उसकी जगह पर सेंधा या काला नमक का ही प्रयोग करना चाहिए क्योकि भारत में आज जितने भी लोगों को है, उनका प्रमुख कारण आयोडीन युक्त नमक है।

भारत में आज आयोडीन की कमी किसी को भी नही है, लेकिन सरकार जबरदस्ती ये नमक भारत के सभी लोगों को खिला रही है। खाने में हमेशा सेंधा नमक का ही प्रयोग करना चाहिए, ना की आयोडिन युक्त नमक का। चीनी की जगह गुड, देसी खाण्ड या धागे वाली मिस्री का प्रयोग कर सकते है।

वन्देमातरम

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