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स्तनों में या आस पास रसौली गाँठ(Fibrocystic) का घरेलू उपाय

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स्तनों में या आस पास रसौली गाँठ का घरेलू उपाय | Fibrocystic Breast Removal

स्तनों के अन्दर सुपारी से लेकर बेल की तरह गांठें(Fibrocystic) बन जाती हैं, जो प्रारम्भ में छोटी होती है। पर समय के साथ-साथ आकार में बढ़ती जाती है। इसमें दर्द रहता है। कभी-कभी यह दर्द बहुत अधिक बढ़ जाता है।

रसौली गाँठ(Fibrocystic) | विभिन्न औषधियों से उपचार –

एरण्ड : 

एरण्ड के तेल से स्त्री के स्तनों की मालिश करें और एरण्ड या आक या बंधगोभी के पत्तों को हल्का सेक स्तन पर बांधने से स्तन में होने रसूली (गांठें, गिल्टी) धीरे-धीरे कम होकर समाप्त हो जाती हैं। साथ ही साथ स्तनों के आकार में स्वाभाविक बढ़ोत्तरी होती जाती है।

बड़ी हर्रे : 

बड़ी हर्रे, छोटी पीपल और रोहितक की छाल को लेकर पकाकर काढ़ा बना लें, फिर इसी काढ़े में यवक्षार एक चौथाई से आधा ग्राम की मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीने से स्तनों में होने वाली रसूली या गांठें(Fibrocystic) मिट जाती हैं।

सज्जीखार: 

सज्जीखार, सुहागे की खील (लावा) और यवक्षार को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को आधा से एक ग्राम तक की मात्रा में सुबह-शाम प्रयोग करने से लाभ मिलता है।

नीम : 

नीम के तेल और तिल के तेल को बराबर मात्रा में लेकर मालिश करने से स्तनों में होने वाली गांठे(Fibrocystic) कम होकर मिट जाती हैं। परन्तु ध्यान रहें कि केवल नीम के तेल से स्तनों की मालिश करने से स्तनों में जलन आदि के पैदा होने का डर सा लगा रहता है।

सरफोंका :

सरफोंका की जड़ को अच्छी तरह पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों में होने वाली गांठे(Fibrocystic) यानी रसूली का असर कम होकर नष्ट हो जाती है।

कचनार :

कचनार की छाल को पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसी चूर्ण को एक चौथाई ग्राम से आधा ग्राम की मात्रा में सोंठ और चावल के पानी (धोवन) के साथ मिलाकर पीने और स्तनों पर लेप करने से स्तनों की गांठों(Fibrocystic) में लाभ मिलता है।

गोरखमुण्डी : 

मुण्डी (गोरखमुण्डी) के पंचांग (फल, जड़, तना, फूल और पत्तों) के रस को 10 से लेकर 20 मिलीलीटर तक खुराक के रूप में  सुबह-शाम पीने से स्तनों में आने वाली गिल्टी (गांठें/Fibrocystic) कम होकर समाप्त हो जाती हैं।

देसी गौ का गौमूत्र :

नियमित गौ माता का गौमूत्र चौथाई चौथाई कप चौथाई चम्मच हल्दी रस या चूर्ण युक्त गुनगुना पीने से सभी प्रकार की गाँठ(Fibrocystic) गल जाती है।

याद रहे, गौमूत्र ताज़ा और सुबह के ५-६ बजे ही पकड़ना चाहिए। ध्यान रहे गौ माता गर्भवती नहीं होनी चाहिए और जवान गौ माता हो तो बहोत अच्छा, किसी दूसरे गौ का न ले।

चुना :

पथरी की शिकायत न हो तो दो गेहूँ के दाने के बराबर चुना दूध छोड़कर किसी भी तरल पेय में मिलाकर सूर्यास्त से पहले ही सेवन करने से सभी प्रकार के गाँठ(Fibrocystic) नष्ट हो जाती है।

होमियोपैथी द्वारा –

फाइटोलैक्का औषधि की 30 शक्ति | Phytolacca Homeopathic Medicine :

  • स्तन में अर्बुद हो जाए और यह रोग पुराना हो चुका हो तो इसे ठीक करने के लिए फाइटोलैक्का औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
  • इस अर्बुद को ठीक करने के लिए फाइटोलैक्का के मदरटिंचर का एक भाग दस भाग पानी में मिलाकर इससे स्तन पर जलपट्टी लगाए इससे अधिक लाभ मिलेगा।

इतर होमियोपैथी के दवाएं

स्तन में अर्बुद होने पर लक्षणों के आधार पर कार्बो-एनिमेलिस, थूजा, कोनायम, सिमिसिफ्यूगा या ब्रायोनिया औषधि का प्रयोग कर सकते हैं।

विशेष होमियोपैथी चिकित्सीय सलाह हेतु आप व्यक्तिगत रात्रि 9 बजे के बाद सम्पर्क कर सकते हैं

निरोगी रहने हेतु महामन्त्र –

मन्त्र 1 :

  • भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें
  • ‎रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें
  • विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)
  • वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)
  • एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)
  • मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें
  • भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें

मन्त्र 2 :

  • पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)
  • भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)
  • सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये
  • ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें
  • ‎पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये
  • बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूर्णतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें
भाई राजीव दीक्षित जी के सपने स्वस्थ भारत समृद्ध भारत और स्वदेशी भारत स्वावलंबी भारत स्वाभिमानी भारत के निर्माण में एक पहल आप सब भी अपने जीवन मे भाई राजीव दीक्षित जी को अवश्य सुनें

स्वदेशीमय भारत ही हमारा अंतिम लक्ष्य है : भाई राजीव दीक्षित जी

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