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१००+ मुह के छालों का देसी उपचार | Desi Treatment of Oral Ulcer

मुह के छालों का कारण लक्षण व सबसे असरकारक देसी उपचार | Desi Treatment of Oral Ulcer

★ भोजन में तीखे मसाले, घी, तेल, मांस, खटाई आदि अधिक मात्रा में खाने से पेट की पाचनक्रिया खराब हो जाती है जिससे मुंह व जीभ पर छाले(Oral Ulcer) पड़ जाते हैं। पेट में कब्ज होने से या गर्म पदार्थ खाने से गर्मी के कारण मुंह में छाले, घाव व दाने निकल आते हैं। ये छाले लाल व सफेद रंग के होते हैं।

मुंह में छाले(Oral Ulcer) होने के कारण :

★ मुंह में छाले(Muh ke Chale / Oral Ulcer / Mouth Ulcers) अपचन व कब्ज के कारण होता है।
★ पेट की पाचनक्रिया खराब होने का कारण घी, तेल, मिर्च, खटाई, मांस तथा अधिक मसालेदार व अम्ल रस से बने खाद्य-पदार्थ आदि अधिक सेवन करना है, जिससे पेट में कब्ज बनने के कारण पाचनक्रिया खराब होकर मुंह में छाले(Oral Ulcer), घाव, दाने आदि उत्पन्न हो जाते हैं।

भोजन तथा परहेज :

★ दांतों में गंदगी से भी मुंह में छाले(Oral Ulcer) पैदा हो जाते हैं अत: दिन में 2 से 3 बार दांत साफ करना जरूरी है।
★ भोजन में लालमरसा का साग खायें।
★ मुंह के छाले होने पर 2 केले रोजाना सुबह दही के साथ खायें।
★ छाले(Oral Ulcer) होने पर टमाटर अधिक खाने चाहिए।
★ ठण्डी फल व सब्जियां खायें।
★ पेट की कब्ज खत्म करने के लियें सुबह २ से ३ गिलास पानी शौच जाने से पहले पीने से लाभ होता है।
★ भोजन में अधिक तेल, मिर्च, मांस, तेज मसाले व गर्म पदार्थ न खायें।
★ पेट में कब्ज होने पर छाले बनते हैं। पेट में कब्ज को बनाने वाले कोई भी पदार्थ न खाएं। अधिक गरिष्ठ भोजन न करें।
★ चाय, शराब, बीड़ी-सिगरेट या किसी भी नशीली चीज का सेवन न करें।

मुंह के छालों का आयुर्वेदिक घरेलु उपचार | Ayurvedic Treatment of Oral Ulcer

  1. विडंगभेद : विडंगभेद के पत्तों को सौंठ के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। इस 40 मिलीलीटर काढ़े को खुराक के रूप में रोजाना सुबह-शाम कुल्ला व गरारा करने से मुंह आने का रोग (छाले/Oral Ulcer) ठीक हो जाता है।
  1. बड़ी माई : बड़ी माई की फांट या घोल से कुल्ला करने एवं मुंह में रखने से मुंह में होने वाले छाले(Oral Ulcer) व दांत और मसूढ़ों के कारण उत्पन्न होने वाले रोग ठीक हो जाते हैं।
  1. सोंठ : सोंठ और कायफल को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसके काढ़े को पीने व छालों पर लगाने से मुंह के आने का रोग (छाले/Oral Ulcer) मिट जाता है।
  1. रसौत : रसौत में शहद मिलाकर मुंह के अंदर रखने से मुंह के दाने व मुंह का आना ठीक हो जाता है।
  1. गुग्गुल : गुग्गुल को मुंह में रखने से या गर्म पानी में घोलकर दिन में 3 से 4 बार कुल्ला व गरारे करने से मुंह के अंदर के घाव, मुंह की जलन व छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. जटामांसी : मुंह में छाले होने पर जटामांसी के टुकड़े को मुंह में रखकर चूसते रहने से मुंह की जलन एवं पीड़ा कम हो जाती है।
  1. कबाबचीनी (शीतल चीनी) : 1 से 4 ग्राम कबाबचीनी का चूर्ण रोजाना सुबह-शाम खाने एवं मुंह में रखकर चूसते रहने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। कबाबचीनी और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. कंटकारी : मुंह में छाले व पीड़ा होने पर कंटकारी (भटकटैया, रेंगनी कांट) के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से लाभ होता है।
  1. आक का दूध : आक के दूध को शहद में मिलाकर मुंह के छालों(Oral Ulcer) में लगाने से आराम मिलता है।
  1. सहजना (मुनगा) : सहजना की छाल का काढ़ा बनाकर गरारा करने से मुंह के छाले और पीड़ा आदि खत्म हो जाते हैं।
  1. लहसुन : लहसुन की 2 कलियों का रस निकालकर 1 गिलास पानी में मिलाकर कुल्ला करें। रोजाना 4 से 5 दिन तक इसका प्रयोग करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) कम हो जाते हैं। लहसुन की कली को पानी के साथ पीसकर उसमें थोड़ा-सा देसी घी मिलाकर मलहम तैयार करें। इस मलहम को छालों पर लगाने से छाले खत्म हो जाते हैं।
  1. हरीतकी : हरीतकी का काढ़ा बनाकर तैयार काढ़े को मुंह में रखकर गरारे करने से मुंह के घाव(Oral Ulcer) व छाले ठीक हो जाते हैं।
  1. श्वेतगुंजा (करजनी) : श्वेतगुंजा (करजनी) के पत्तों को चबाकर चूसते रहने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में आराम मिलता हैं।
  1. रोहिनी (मांस रोहिनी) : रोहिनी (मांस रोहिनी) की छाल का काढ़ा बनाकर रोजाना 2 बार कुल्ला करने से मुंह व जीभ के छाले खत्म हो जाते हैं।
  1. धमासा : मुंह में छाले(Oral Ulcer) व घाव होने पर धमासा का काढ़ा बनाकर दिन में 3 से 4 बार कुल्ला करने से मुंह से पीब आना, छाले व घाव ठीक हो जाते हैं।
  1. जूही के पत्ते : जूही के पत्तों को चबाने से मुंह के सभी रोग ठीक हो जाते हैं। जूही के पत्ते, त्रिफला और दारुहल्दी का काढ़ा बनाकर रोजाना 2 बार कुल्ला करने से मुंह के घाव व छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. गुलकन्द : गुलकन्द (गुलाब पंखड़ियों से बना) को मुंह के छाले व घाव पर लगाने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में आराम मिलता है।
  1. कदम : मुंह के रोग में कदम की छाल या पत्तों का काढ़ा बनाकर रोजाना 2 से 3 बार गरारा करने से रोग में आराम मिलता है।
  1. अड़हुल (गुड़हल) : मुंह के रोग में अड़हुल के फूल या पत्तों को चबाने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. पीपलवृक्ष : पीपलवृक्ष की छाल के काढ़ा से गरारे व कुल्ला करने से मुंह के घाव व छाले ठीक हो जाते हैं।
  1. पाकर (पासर) : पाकर की छाल के काढ़े से दिन में 2-3 बार गरारे करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) के रोग में आराम मिलता है।
  1. बबूल : बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर दिन में 2 से 3 बार गरारे करने से मुंह के छाल(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. मोखा (एकसिरा) : मोखा का क्षार (रस) लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में रोजाना सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से मुंह के जख्म और छाले आदि समाप्त हो जाते हैं।
  1. जारुल : मुंह में छाले, घाव आदि होने पर जारुल का फल चबाने से लाभ होता है।
  1. तेन्दू : तेन्दू के फल को फांट (पानी में फेंटकर) से कुल्ला करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में लाभ होता है।
  1. जामुन : मुंह में घाव(Muh ke Chale/Mouth Ulcers/Oral Ulcer), छाले आदि होने पर जामुन की छाल का काढ़ा बनाकर गरारे करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) के रोग में लाभ होता है। 50 ग्राम जामुन के पत्ते पानी के साथ पीसकर 300 मिलीलीटर पानी में मिलाकर रख लें फिर इसके पानी को छानकर कुल्ला करने से छाले नष्ट होते हैं।
  1. हीरा बोल : हीरा बोल को पानी में घोलकर इसके घोल से बार-बार कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) जल्द ठीक हो जाते हैं।
  1. लालमरसा : लालमरसा का साग खाने से या इसके पत्तों को चबाने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) व घाव नष्ट हो जाते हैं।
  1. कुन्दरु (कुन्दरी) : मुंह व जीभ के छालों में कुन्दरु (कुन्दरी) फल को चबाने से रोग में लाभ होता है।
  1. चाल्ता (भव्य) : मुंह के छालों(Oral Ulcer) में चाल्ता (भव्य) के फल खाने से छाले ठीक हो जाते हैं। इसके फलों का शर्बत बनाकर रोजाना सुबह-शाम पीने से शौच साफ आती है और मुंह के छाले(Oral Ulcer) आदि ठीक होते हैं।
  1. माजूफल : माजूफल के टुकड़े को सुपारी की तरह चबाते रहने से मुंह के छाले व दाने आदि खत्म हो जाते हैं। माजूफल, कत्था, वंशलोचन तथा छोटी इलायची के दाने 5-5 ग्राम लेकर कूट-छानकर चूर्ण बना लें। इस 1 चुटकी चूर्ण को बच्चे के मुंह में सुबह-शाम छिड़कने से बच्चों के मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं।
  1. हरी दूब : हरी दूब के काढ़े से बार-बार कुल्ला करने से मुंह के छाले मिट जाते हैं।
  1. त्रिफला (बहेड़ा, हरड़ और आंवला) : पेट में कब्ज होने पर त्रिफला के चूर्ण को गर्म दूध या गर्म पानी के साथ रोजाना रात को पीयें। लगातार 3 से 4 दिन सेवन करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) व दाने खत्म हो जाते हैं। हरड़, बहेड़ा, आंवला, दारुहल्दी और सौंफ को 15-15 ग्राम की मात्रा में लेकर गर्म पानी में उबाल लें। इसके बाद उस पानी में थोड़ा-सा शहद मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले मिट जाते हैं।
  1. वंशलोचन : मुंह के छालों(Oral Ulcer) में वंशलोचन के साथ शहद मिलाकर लगाने से छालों में आराम रहता है।
  1. अड़ूसा (वासा) : यदि केवल मुंह में छाले हों तो अड़ूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उसके रस को चूसने से लाभ होता है। अड़ूसा की लकड़ी की दातुन करने से मुंह के सभी रोग दूर हो जाते हैं। अड़ूसा के 50 मिलीलीटर काढ़े में 1 चम्मच गेरू और 2 चम्मच शहद को मिलाकर मुंह में रखने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) और नाड़ीव्रण नष्ट होते है। अड़ूसा के पत्तों को पान के समान चबाकर उसके रस को चूसने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं। मुंह में छाले(Oral Ulcer) होने पर अड़ूसा के 20 ग्राम पत्तों को मुंह में रखकर चूसने से छाले व दर्द में आराम रहता है।
  1. बेर : 50 ग्राम बेर के पत्तों को 300 मिलीलीटर पानी में मिलाकर उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े से रोजाना कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) व दाने नष्ट हो जाते हैं।
  1. फिटकरी : लगभग 1 ग्राम भुनी फिटकरी, लगभग आधा ग्राम कत्था पापरी, लगभग आधा ग्राम इलायची के दाने और लगभग आधा ग्राम शीतल चीनी को बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। इसके चूर्ण को छालों पर लगाने से मुंह के छाले व जलन दूर हो जाती है।
  1. करेला : करेले के रस में चाक मिट्टी पीसकर घोल लें। इसके घोल को दांतों पर मलने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) खत्म हो जाते हैं। मुंह के छालों में करेले का रस निकालकर इसमें पिसी हुई फिटकरी डालकर हल्का गर्म करके दिन में 2 बार कुल्ला करने से रोगी को आराम मिलता हैं।
  1. लौंग : लौंग और इलायची को एक साथ मुंह में रखकर चबाने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. छाछ : दही के पानी या छाछ से कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. सत्यानाशी : सत्यानाशी की टहनी तोड़कर मुंह में लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  1. हरा पोदीना : हरा पोदीना, सूखा धनिया और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर चबायें और लार को नीचे टपकने दें। इससे मुंह के छाले(Oral Ulcer) जल्दी ठीक हो जाते हैं।
  1. हल्दी : हल्दी व वंशलोचन को एक साथ पीसकर मुंह के छालों पर लगाने से लाभ होता है। 15 ग्राम पिसी हुई हल्दी को 1 लीटर पानी में उबालें। इस पानी से रोजाना सुबह-शाम गरारे करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में आराम मिलता है।
  1. जायफल : जायफल के रस में पानी मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं। जायफल के काढे़ से दिन में 3-4 बार गरारें करने से मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं।
  1. लालमिर्च : लाल मिर्च को पानी में घोलकर या काढ़ा बनाकर पीने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) व घाव जल्द ठीक हो जाते हैं।
  1. तरबूज : तरबूज के छिलके को जलाकर उसकी राख को छालों(Oral Ulcer) पर लगाने से मुंह के छाले मिट जाते हैं।
  1. सफेद कत्था : सफेद कत्था 3 ग्राम, छोटी इलायची के दाने 3 ग्राम, शीतलचीनी 3 ग्राम और नीलाथोथा (भस्म) 1 ग्राम को बारीक कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को मुंह के छालों(Oral Ulcer) पर लगाने से पुराने छाले भी ठीक हो जाते हैं।
  1. मसूर : मसूर की राख और कत्था बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर मुंह के छालों पर लगाने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) व घाव खत्म हो जाते हैं।
  1. शीतलचीनी : 5-5 ग्राम शीतल चीनी, कपड़िया कत्था, वंशलोचन और 4 छोटी इलायची के दानों को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। यह 1 चुटकी चूर्ण बच्चे के मुंह में सुबह और शाम छिड़कने से बच्चों के मुंह में होने वाले छाले(Oral Ulcer) खत्म हो जाते हैं।
  1. मुरदासिंगी : मुरदासिंगी, वंशलोचन, चौकिया सुहागा तथा कत्था को पीसकर गाय के घी में मिलाकर छालों पर लगाने से छाले(Oral Ulcer) नष्ट हो जाते हैं।
  1. आंवला : आंवला के चूर्ण में लहसुन की 1 कली को भूनकर चूर्ण बनाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को 2 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से पेट की कब्ज खत्म होकर छाले भी खत्म हो जाते हैं। आंवला के पत्तों का काढ़ा बनाकर मुंह में कुछ देर रखकर गरारे व कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं। 25 ग्राम आंवला, 10 ग्राम सौंफ, 5 ग्राम सफेद इलायची और 25 ग्राम मिश्री को कूटकर चूर्ण बना लें। इस 2 चुटकी चूर्ण को खुराक के रूप में रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से मुंह के छाले मिट जाते हैं।
  1. सुहागा : भुना हुआ सुहागा बारीक पीसकर 1 चुटकी की मात्रा में ग्लिसरीन या देशी घी में मिलाकर छालों(Oral Ulcer) पर लगाने से लाभ होता है। 2 ग्राम भुने सुहागा के बारीक चूर्ण को 15 ग्राम ग्लिसरीन में मिलाकर रखें। इस मिश्रण को दिन में 2 से 4 बार मुंह के छालों पर लगाने से मुंह के छालों के रोग में आराम मिलता है।
  1. टमाटर : जिन लोगों के मुंह में बार-बार छाले(Oral Ulcer) होते हों, उन्हे टमाटर अधिक सेवन करने चाहिए। छालों के लिए टमाटर औषधि का काम करते हैं। टमाटर के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से भी मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं। आधा गिलास टमाटर के रस में आधा गिलास पानी मिलाकर घोल बनाकर बार-बार कुल्ला करने से मुंह के सभी रोग ठीक होते हैं।
  1. शहतूत : 1 चम्मच शहतूत के रस को 1 कप पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. तुमरु : तुमरु के बीज को जीभ पर रखने से त्वचा में ठंडक व चुनचुनाहट-सी होती है। थोड़ी देर बाद लार निकलने से दर्द बंद हो जाता है और छाले मिट जाते हैं। तुमरु के बीज को पीसकर छालों पर लगाकर थोड़ी देर बाद थूकने से छाले व दर्द खत्म हो जाते हैं।
  1. जीरा : छालों के कारण मुंह में दर्द या जलन आदि होने पर जीरे को भूनकर इसमें सेंधानमक को बराबर मात्रा में मिलाकर मुंह में लगाने से लाभ होता है।
  1. मेंहदी : 50 ग्राम मेंहदी को 2 गिलास पानी में भिगो लें। कुछ समय के बाद इस पानी से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। मेंहदी के पत्तों को मुंह में रखकर चबाने से भी मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। मेंहदी के 20 ग्राम पत्तों को रात को सोते समय पानी में भिगोकर रखें। सुबह इस पानी से कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) नष्ट हो जाते हैं।
  1. बबूल : बबूल की छाल को सुखाकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। मुंह के छालों(Oral Ulcer) पर इस चूर्ण को छिड़कने से कुछ दिनों में ही छाले ठीक हो जाते हैं।
  1. मुनक्का : पानी में मुनक्का के 8 से 10 दानों को रात में भिगोकर रख दें। सुबह मुनक्का फूल जाने पर इसे छानकर चबा-चबा कर खायें। रोजाना सुबह इसको खाने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) व घाव ठीक हो जाते हैं।
  1. पान की पत्ती : मुंह में छाले हो जाने पर पान की पत्ती को सुखाकर चबाने से लाभ होता है
  1. नीम : नीम की नई कोमल पत्तियों को दिन में 3 से 4 बार चबाने से मुंह के छालों में लाभ होता है। नीम और कत्थे को अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बनाकर बना लें। इसके चूर्ण को छालों पर लगाकर लार को टपकाने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) नष्ट हो जाते हैं। नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लें। इस पानी से बार-बार कुल्ला करने से मुंह के छाले व घाव नष्ट हो जाते हैं। थोड़ी-सी नीम की पत्तियों को पीसकर देशी घी में मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से छाले नष्ट हो जाते हैं।
  1. सफेद इलायची : 3 ग्राम सफेद इलायाची, 2 ग्राम कबाबचीनी तथा 3 ग्राम कत्था को एक साथ खरल में बारीक कूटकर मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
  1. दही : रोजाना सुबह मुंह के छालों(Oral Ulcer) पर दही मलने से छाले कुछ ही समय में मिट जाते हैं।
  1. गुरुकुल कांगड़ी : गुरुकुल कांगड़ी की चाय को उबालकर उस पानी से 2 से 3 बार कुल्ला करने से छाले समाप्त हो जाते हैं।
  1. चिरमी के फूल : चिरमी के फूल का चूर्ण बनाकर इसके चूर्ण को घी या मक्खन में मिलाकर छालों(Oral Ulcer) पर लगायें। इसको रोजाना 2 से 3 बार छालों पर लगाने से छाले जल्दी खत्म हो जाते हैं।
  1. झरबेरी : झरबेरी के पत्तों को पानी में उबाल लें। इस पानी से रोजाना 2 बार कुल्ला करने से मुंह का दर्द व छालों में आराम मिलता है।
  1. शहद : शुद्ध शहद को पानी मे मिलाकर छालों(Oral Ulcer) पर लगाने से छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।
  1. सोनागेरु : सोनागेरु, मिस्री, कत्था व इलायची को 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर और कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। फिर इस चूर्ण में 3 ग्राम फूला हुआ नीलाथोथा मिला लें। इस चूर्ण को दिन में 3 से 4 बार छालों पर मलने और इसके बाद चाय के पानी से कुल्ला करने से लाभ होता है।
  1. इन्द्र जौ : 10-10 ग्राम की मात्रा में इन्द्र जौ और काला जीरा को लेकर कूटकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छालों(Oral Ulcer) पर दिन मे 2 बार लगाने से छाले नष्ट हो जाते हैं।
  1. हरीतकी : हरीतकी का काढ़ा बनाकर गरारे करने से मुंह के छाले और घाव ठीक हो जाते हैं।
  1. बरगद : 30 ग्राम बरगद की छाल को 1 लीटर पानी में उबालकर गरारे करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) खत्म हो जाते हैं।
  1. मुगवन (बनमंग) : काकामाची मकोय के पत्ती और मुगवन को मिलाकर पकायें और भोजन के साथ खा लें। इससे मुंह के छाले(Oral Ulcer) कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं।
  1. पुनर्नवा : पुनर्नवा की जड़ को दूध में घिसकर मुंह के छालों में लगाने से आराम मिलता है।
  1. शिलाजीत : मुंह व जीभ पर छाले होने पर 125 से 325 ग्राम शिलाजीत में मक्खन या देसी घी को मिलाकर दिन में 2 बार खाने से छाले खत्म हो जाते हैं।
  1. पडिकार : 100 से 300 ग्राम पडिकार में मक्खन या देसी घी मिलाकर दिन में 2 बार खाने से मुंह व जीभ के रोग ठीक हो जाते हैं।
  1. चमेली : चमेली के 20-25 पत्ते मुंह में चबाकर थूकते रहने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाएंगे। मुंह में छाले, घाव या किसी प्रकार के दाने हो जाने पर, चमेली के पत्तों को मुंह में रखकर पान की तरह चबाने से लाभ होता है।
  1. हरड़ : छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर लगाने से मुंह व जीभ के छालें(Oral Ulcer) मिट जाते हैं। छोटी हरड़ को रात को भोजन करने के बाद चूसने से मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं। पिसी हुई हरड़ को 1 चम्मच की मात्रा में रोजाना रात को सोते समय गर्म दूध या गर्म पानी के साथ फंकी लेने से छालों में आराम मिलता है। छोटी हरड़ को पानी में घिसकर छालों पर 3 बार रोज लगाने से आराम मिलता है।
  1. दारूहल्दी : दारुहल्दी, मुलेठी और शहद को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिलाकर छालों(Oral Ulcer) पर बार-बार लगाने से आराम मिलता है। 20 ग्राम दारुहल्दी को लेकर 300 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को छानकर दिन में 2-3 बार कुल्ला करने से मुंह के घाव, छाले और दाने समाप्त हो जाते हैं।
  1. मकोय : मकोय के 5 से 6 पत्तों को चबाने से मुंह और जीभ के छालों में आराम मिलता है।
  1. धनिया : धनिये को बारीक पीसकर खाने के सोडे के साथ मिला लें। इस मिश्रण को मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है। 

  • हरे धनिये की पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) नष्ट हो जाते हैं। सूखे धनिये और शहतूत को पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  • धनिए के बारीक चूर्ण को खाने वाले सोडे़ में मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से लाभ होता है।
  • धनिये के 50 दानों को पीसकर सरसों के तेल में पका लेना चाहिए। फिर कपड़े से छानने के बाद रूई की फुरेरी से इस तेल को जीभ पर लगाना जरूरी होता है। इसे लगाने के तुरंत बाद मुंह खोलकर लार टपका देना जरूरी होता है। दिन में 4 बार यह क्रिया करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में आराम मिलता है।
  • तालु में छाले आंतों की गर्मी से निकल आते हैं। ऐसी दशा में रोगी को भोजन करना कठिन हो जाता है। इसके लिए रोगी को धनिये के पानी से कुल्ले करने चाहिए। सबसे पहले 50 ग्राम धनिये को 2 लीटर पानी में पका लें। इसके बाद इस पानी को छानकर कुल्ला करना चाहिए। दिन में 3 बार कुल्ला करने से रोगी को काफी आराम मिलता है। भोजन में मीठा दलिया, मूंग की दाल की रोटी, दूध, चाय आदि लेना चाहिए। छालों की जितनी अधिक सिंकाई होगी, उतना ही आराम मिलेगा।
  • धनिये के पानी में ग्लिसरीन मिलाकर फुरेरी से तालु पर लगाना चाहिए। कुछ क्षण बाद लार टपका देनी चाहिए। इससे रोगी के छाले तीसरे दिन में ही सूखना शुरू हो जाएंगे।
  • रोगी को रात में पूरी नींद लेनी चाहिए। 5 ग्राम देशी घी में पिसा कत्था और 5 ग्राम धनियां को पीसकर मिला लेना चाहिए। फिर इस मरहम को छालों(Oral Ulcer) पर लगाकर लार टपका देनी चाहिए। इससे 2 दिन में छाले सूखने शुरू हो जाते हैं।
  • छालों का इलाज करने से पूर्व यदि पेट को साफ कर लिया जाए तो काफी लाभ होता है। कभी-2 ये छाले आंतों में होने वाली गर्मी से भी हो जाते हैं। छालों के बीच कम नमक का फीका भोजन लेना चाहिए। दूध, नींबू की गर्म शिकंजी, दलिया, साबूदाना आदि का सेवन छालों(Oral Ulcer) के लिए काफी लाभकारी रहता है।
  • धनिए के बारीक चूर्ण को खाने वाले सोडे़ में मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से लाभ होता है।

  1. मुलेठी : मुलेठी के चूर्ण को फूले हुए कत्थे के साथ मिलाकर छालों(Oral Ulcer) पर लगाएं और लार बाहर टपकने दें। इससे मुंह की गंदगी खत्म होकर मुंह के छाले दूर हो जाते हैं। मुलेठी का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से छाले सूख जाते हैं। मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। इसके चूर्ण को थोड़े-से शहद में मिलाकर चाटने से भी आराम होता है। मुलेठी को मुंह में रखकर चूसने से छालों में होने वाली जलन और दर्द आदि खत्म हो जाते हैं।
  1. दूब हरी : दूब से तैयार किए हुए काढ़े से दिन में 3-4 बार गरारे करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में लाभ पहुंचता है।
  1. कचनार : कचनार की छाल के काढ़े में थोड़ा-सा कत्था मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
  1. फिटकरी : फिटकरी को पानी में घोलकर इसके पानी से दिन में 3-4 बार कुल्ला करने से मुंह के छाले व जख्म नष्ट हो जाते हैं। आधा चम्मच फिटकरी का चूर्ण और आधा चम्मच इलायची का चूर्ण लेकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद मुंह के छालों पर छिड़कने से आराम मिलता है। फिटकरी को फुलाकर नीलाथोथा के साथ मिलाकर कूटकर चूर्ण बना लें। इसके चूर्ण को छालों पर लगाकर लार को नीचे टपकने दें। यह मुंह की गन्दगी को खत्म करके छालों को नष्ट करता है। चौथाई चम्मच फिटकरी और आधा चम्मच नमक को लेकर 1 गिलास पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। फिटकरी को पानी में घोलकर कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं। सफेद फिटकरी और नीला थोथा को बराबर मात्रा में मिला लें। रुई का फोया भिगोकर उस पर 1 ग्राम यह पाउडर डालकर छालों पर 1 मिनट लगाएं रखें और लार थूकते रहें, निगलें नहीं। किसी भी अवस्था में यह पेट में नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह मिश्रण जहरीला होता है। यह 2 ग्राम पाउडर 1 गिलास पानी में घोलकर कुल्ला भी कर सकते हैं। अंत में साफ पानी से कुल्ला कर लेते हैं। इससे छालों(Oral Ulcer) में तुरन्त ही लाभ मिलता है।
  1. कालीमिर्च : 15 ग्राम कालीमिर्च और 30 ग्राम किशमिश को एकसाथ मिलाकर चबाने से मुंह के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
  1. शहद : तवे पर सुहागे को फुलाकर शहद के साथ छालों(Oral Ulcer) पर लगाने से लाभ मिलता है। छोटी इलायची को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। फिर इस चूर्ण को शहद में मिलाकर मुंह के छालों पर लगायें। फिटकरी को पानी में घोल लें और एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर कुल्ला करें। यह कुल्ला भोजन करने से पहले सुबह, दोपहर तथा शाम को करना चाहिए। पेट में गर्मी ज्यादा हो तो त्रिफला का चूर्ण शहद के साथ लेना चाहिए। केवल आंवले का चूर्ण शहद के साथ लेने से भी पेट की गर्मी शांत होती है और मुंह के छाले सही होने लगते हैं।
  1. ईसबगोल : मुंह के छाले व दानों में 3 ग्राम ईसबगोल की भूसी को मिश्री में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से रोगी को लाभ होता है। ईसबगोल को गर्म पानी में घोलकर दिन में 2 बार कुल्ला करने से कब्ज और छाले समाप्त हो जाते हैं। ईसबगोल को पानी में डालकर रख दें। लगभग 2 घंटे के बाद उस पानी को कपड़े में छानकर कुल्ला करने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
  1. देसी घी : 10 ग्राम हल्के गर्म दूध में ढाई ग्राम कपूर चूरा मिलाकर छालों(Oral Ulcer) पर मलने से मुंह व जीभ के छाले नष्ट हो जाते हैं। रात को सोते समय मुंह में शुद्ध घी भरकर सोने से मुंह के छालों में आराम मिलता है। रात को सोते समय मुंह के छालों पर घी लगाने से लाभ होता है।
  1. ग्लिसरीन : मुंह के छालों(Oral Ulcer) में ग्लिसरीन लगाने से लाभ होता है। 12 ग्राम ग्लिसरीन, 4 ग्राम फूले सुहागा का बारीक चूर्ण और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कपूर को एकसाथ मिलाकर एक शीशी में भर लें। रोजाना सुबह-शाम इसके मिश्रण को छालों पर मलें। इससे मुंह के घाव, छाले, जीभ के छाले एवं होंठों के दाने खत्म हो जाते हैं।
  1. इलायची : 3 ग्राम बड़ी इलायची, 10 ग्राम बबूल का गोंद, 10 ग्राम मिश्री और 2 ग्राम नीम की पत्तियों को बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से मुंह के छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं। इलायची को पीसकर शहद के साथ मिलाकर छालों पर लगाने से लाभ मिलता है। मुंह के छालों पर वंशलोचन, छोटी इलायची के बीज और कत्था को बारीक पीस कर पॉउडर बना लें। इसके पॉउडर को छालों पर छिड़कने से व लार टपकाने से मुंह की गंदगी खत्म होकर मुंह के छाले समाप्त हो जाते हैं।
  1. कचनार : कचनार की छाल के काढ़े, फांट या शर्बत से कुल्ला करने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) मिट जाते हैं।
  1. लाल कचनार : लाल कचनार के पेड़ की छाल और अनार के फूल को एकसाथ मिलाकर काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में लाभ होता है।
  1. पान : पान के पतों का रस शहद में मिलाकर रोजाना 2-3 बार मुंह के छालों पर लगाने से लाभ होता है।
  1. कपूर : कपूर का पाउडर छालों(Oral Ulcer) पर लगाने से मुंह के छाले व दाने खत्म हो जाते हैं। मिश्री को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा-सा कपूर मिलाकर मुंह में लगायें। इससे मुंह के छाले व मुंहपाक खत्म हो जाता है। बच्चों के मुंह आने (छाले/Oral Ulcer) पर इसको लगाने से लाभ होता है। कपूर को नारियल के तेल में मिलाकर छालों पर लगाने से मुंह के छालों में आराम मिलता है। देशी घी में कपूर मिलाकर रोजाना 4 बार लगायें और लार गिराते रहें। फिर कुछ देर बाद कुल्ला करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में आराम मिलता है। कपूर और मिसरी को बराबर मात्रा में मिलाकर चुटकी भर की मात्रा में 3 से 4 बार चूसने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
  1. इमली : इमली के पानी से कुल्ला करने से पित्त के कारण उत्पन्न मुखपाक यानी छाले मिट जाते हैं।
  1. गुड़हल : गुड़हल की जड़ को साफ करके और धोकर, 1-1 इंच के टुकड़ों में काटकर रख लेते हैं। दिन में 3-4 बार, एक-एक टुकड़ा चबाकर राल को थूकते जाने से 1-2 दिन मे ही मुंह के छालों(Oral Ulcer) से पीड़ित रोगी को आराम आ जाता है।
  1. गुलाब : गुलाब या शहतूत के पत्तों को चबाने से मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं। गुलाब के फूलों का काढ़ा बनाकर उससे बार-बार गरारे करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।मुंह में छाले(Oral Ulcer) हो तो गुलाबजल से कुल्ला करने से आराम मिलता है। गुलाब के 2 फूलों को 1 गिलास पानी में डाल करके उस पानी से कुल्ला करने से पेट की गर्मी के कारण होने वाले मुंह के छालें(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं। अथवा गुलाब के सूखे फूलों को रात को 1 गिलास पानी में भिगोकर सुबह मसलकर छान लें तथा उस पानी में 2 चम्मच शक्कर या चीनी मिलाकर पियें। जलन या बहुत गर्मी या हल्का ज्वर हो तो गुलाब की 10 पंखुड़ी, 3 इलायची, 5 कालीमिर्च तथा 10 ग्राम मिश्री को एक साथ पीसकर 1 कप पानी में मिलाकर 4-4 घंटों के बाद पीने से लाभ होता है। गुलाब के 2 फूलों को पानी में उबालें। इस पानी से रोजाना कुल्ला करने से मुंह के छालों(Oral Ulcer) में आराम मिलता है।
  1. गूलर : गर्मी की वजह से जीभ पर छाले होने पर गूलर के कांटे और मिश्री को पीसकर सेवन करने से लाभ होता है।
  1. भांगरा : भांगरा के 5 ग्राम पत्तों को मुख में रखकर चबाएं और लार थूकते जाएं। दिन में ऐसा कई बार करने से लाभ मिलता है।
  1. कत्था (खैर) : खैर की छाल के काढ़े से कुल्ला करना चाहिए। 160 ग्राम खैर की छाल को कूटे और उसमें 2 लीटर पानी डालकर पकायें। जब थोड़ा सा पानी रह जायें तो उससे कुल्ला कर लें। दिन में कम से कम 3 बार इस पानी से कुल्ला करना चाहिए। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं तथा दांत या दाढ़ से खून निकलना भी बंद हो जाता है। मुंह में छाले हो जाने पर कत्था (खैर) को चूसते रहने से लाभ होता है। कत्थे को पानी में घोलकर रूई की सहायता से छालों पर लगायें। इसे लगाने के बाद मुंह से लार को टपकने दें। लार टपकने से मुंह की गंदगी खत्म होकर छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं।
  1. केला : रोजाना सुबह 2 केले दही के साथ खाने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) और जीभ के दाने ठीक हो जाते हैं।
  1. अमलतास : अमलतास की फली के गूदा को मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले(Oral Ulcer) ठीक हो जाते हैं। अमलतास की गिरी को बराबर की मात्रा मे धनिये के साथ पीसकर उसमें चुटकी-भर कत्था मिलाकर तैयार चूर्ण को आधा चम्मच की मात्रा में दिन में 2-3 बार चूसने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।

विशेष : गुलकंद के सेवन से मुंह के छालों में सीघ्र आराम मिलता है।

भाई राजीव दीक्षित जी के सपने स्वस्थ भारत समृद्ध भारत और स्वदेशी भारत स्वावलंबी भारत स्वाभिमानी भारत के निर्माण में एक पहल आप सब भी अपने जीवन मे भाई राजीव दीक्षित जी को अवश्य सुनें

स्वदेशीमय भारत ही हमारा अंतिम लक्ष्य है :- भाई राजीव दीक्षित जी

मैं भारत को भारतीयता के मान्यता के आधार पर फिर से खड़ा करना चाहता हूँ उस काम मे लगा हुआ हूँ

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